अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एक दर्दनाक विमान हादसा हुआ , जिसमें लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान था।
इस हादसे से जुड़ी कुछ मुख्य बातें:
- तारीख और समय: गुरुवार, 12 जून 2025, दोपहर लगभग 1:39 बजे।
- उड़ान का गंतव्य: लंदन का गैटविक हवाई अड्डा।
- यात्री और चालक दल: विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे।
- मृतकों की संख्या: इस भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 275 हो गई है। इसमें विमान में सवार यात्रियों के साथ-साथ ज़मीन पर मौजूद लोग भी शामिल हैं। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
- बचे हुए लोग: जानकारी के अनुसार, विमान में सवार केवल एक व्यक्ति ही इस हादसे में जीवित बचा है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
- दुर्घटना का स्थान: विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की बिल्डिंग और फिर अतुल्यम हॉस्टल से टकराया और आग के गोले में बदल गया।
- पायलट का अंतिम संदेश: पायलट सुमित सभरवाल ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को आखिरी मेसेज में बताया था कि विमान मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया है। उन्होंने “मेडे कॉल” भी की थी, जो एक पूर्ण आपातकाल का संकेत देती है।
- हादसे का संभावित कारण: अभी तक हादसे के कारणों की जांच चल रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों और विशेषज्ञों के अनुसार, इंजन में थ्रस्ट (जोर) की कमी और पक्षी के टकराने (Bird Hit) जैसे कारण हो सकते हैं। कुछ एक्सपर्ट्स ने यह भी आशंका जताई है कि लैंडिंग गियर की जगह गलती से विंग फ्लैप्स खींच लिए गए होंगे, जिससे विमान ऊपर नहीं उठ पाया।
यह भारत के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक है। इस दुर्घटना से पूरा देश स्तब्ध है। मरने वाले लोगों के शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है, और डीएनए परीक्षण के बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
एयर इंडिया ने इस दुखद घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस हादसे की गहन जांच एयरक्राफ़्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

बड़े प्लेन क्रैश के अक्सर क्या कारण होते हैं?
हवाई यात्रा दुनिया के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है, लेकिन जब बड़े विमान दुर्घटनाग्रस्त होते हैं, तो वे अक्सर सुर्खियों में छा जाते हैं और व्यापक जांच का विषय बनते हैं। इन दुर्घटनाओं के पीछे कई जटिल और परस्पर जुड़े कारण होते हैं, जिनका उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना होता है। आइए कुछ प्रमुख कारणों पर गौर करें:
1. मानवीय त्रुटि (Human Error):
यह आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन मानवीय त्रुटि दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है। इसमें न केवल पायलट की त्रुटियां शामिल हैं, बल्कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, रखरखाव कर्मचारी, और यहां तक कि ग्राउंड क्रू की गलतियां भी शामिल हो सकती हैं, जैसे:
- पायलट त्रुटि: यह सबसे अधिक उद्धृत कारणों में से एक है। इसमें खराब निर्णय लेना, प्रक्रियाओं का पालन न करना, अत्यधिक कार्यभार के तहत गलत प्रतिक्रिया देना, या संचार में विफलता शामिल हो सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पायलटों को अत्यधिक प्रशिक्षित किया जाता है और वे गंभीर दबाव में काम करते हैं।
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) त्रुटि: ATC द्वारा गलत निर्देश, संचार में अस्पष्टता, या अनुचित समन्वय कभी-कभी दुर्घटनाओं में योगदान कर सकता है।
- रखरखाव त्रुटि: विमान के घटकों की अनुचित मरम्मत, निरीक्षण में चूक, या गलत स्पेयर पार्ट्स का उपयोग गंभीर परिणाम दे सकता है।
2. यांत्रिक विफलता (Mechanical Failure):
आधुनिक विमान अविश्वसनीय रूप से जटिल मशीनें हैं, और किसी भी घटक की विफलता विनाशकारी हो सकती है, जैसे:
- इंजन की विफलता: इंजन की खराबी, टर्बाइन ब्लेड का टूटना या ईंधन प्रणाली की समस्या, विमान को गंभीर संकट में डाल सकती है।
- संरचनात्मक विफलता: विमान के पंखों, धड़, या पूंछ में थकान, दोषपूर्ण सामग्री, या अनुचित डिजाइन के कारण संरचनात्मक विफलता हो सकती है।
- सिस्टम की खराबी: हाइड्रोलिक सिस्टम, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, या फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में खराबी से पायलट का नियंत्रण खो सकता है।
3. मौसम की स्थिति (Weather Conditions):
खराब मौसम विमान संचालन के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है और दुर्घटनाओं में एक महत्वपूर्ण कारक बन सकता है।
- गंभीर तूफान: बिजली, भारी बारिश, ओले, और तेज हवाएं विमान के लिए खतरनाक हो सकती हैं, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और नियंत्रण मुश्किल हो जाता है।
- आइसिंग (Icing): पंखों और नियंत्रण सतहों पर बर्फ का जमना लिफ्ट को कम कर सकता है और विमान के प्रदर्शन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
- विंड शीयर (Wind Shear): हवा की गति और दिशा में अचानक बदलाव से विमान अनियंत्रित हो सकता है।
- कम दृश्यता: घने कोहरे या धुंध में लैंडिंग या टेक-ऑफ के दौरान पायलट के लिए रनवे या आसपास के इलाके को देखना मुश्किल हो सकता है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
4. बाहरी कारक (External Factors):
कुछ दुर्घटनाएं ऐसे कारकों के कारण होती हैं जो सीधे विमान या उसके संचालन से संबंधित नहीं होते हैं, जैसे:
- पक्षी टकराना (Bird Strike): विशेष रूप से टेक-ऑफ या लैंडिंग के दौरान बड़े पक्षियों का इंजन में फंसना या विंडशील्ड से टकराना गंभीर क्षति पहुंचा सकता है।
- वस्तु/मलबा (Foreign Object Debris – FOD): रनवे पर मौजूद छोटे पत्थर, धातु के टुकड़े, या अन्य वस्तुएं इंजन में खिंच सकती हैं या टायरों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- सबोटेज/आतंकवाद (Sabotage/Terrorism): दुर्भाग्य से, कुछ दुर्घटनाएं जानबूझकर की गई तोड़फोड़ या आतंकवादी कृत्यों का परिणाम होती हैं।
- रनवे पर अतिक्रमण (Runway Incursion): कभी-कभी, अन्य विमान, वाहन या लोग रनवे पर गलत तरीके से प्रवेश कर जाते हैं, जिससे टक्कर का खतरा पैदा होता है।
5. नियामक और संगठनात्मक कारक (Regulatory and Organizational Factors):
कभी-कभी दुर्घटनाएं व्यापक नियामक या संगठनात्मक विफलताओं के कारण होती हैं, जैसे:
- अपर्याप्त नियामक निरीक्षण: यदि विमानन प्राधिकरण सुरक्षा मानकों को प्रभावी ढंग से लागू नहीं करते हैं या निरीक्षण में ढिलाई बरतते हैं, तो यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
- कमजोर कंपनी संस्कृति: यदि एक एयरलाइन या रखरखाव संगठन में सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है, तो इससे कर्मचारियों की लापरवाही और प्रक्रियाओं की अनदेखी हो सकती है।
- प्रशिक्षण में कमी: अपर्याप्त पायलट या रखरखाव कर्मियों का प्रशिक्षण भी दुर्घटनाओं में योगदान कर सकता है।
बड़े प्लेन क्रैश कभी भी एक ही कारण से नहीं होते हैं। आमतौर पर, यह कई छोटे कारकों का एक जटिल संयोजन होता है जो एक साथ मिलकर एक विनाशकारी परिणाम देते हैं। प्रत्येक दुर्घटना की गहन जांच की जाती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सबक सीखे जा सकें।
विमानन उद्योग लगातार सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए काम कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हवाई यात्रा आज दुनिया के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक बनी हुई है।