जानिये कब से शुरू होगी चैत्र-नवरात्री और क्या है इसका महत्त्व…
हर वर्ष चैत्र मास (मार्च या/तथा अप्रैल) में चैत्र-नवरात्री होती है l इस नवरात्री में मुख्यतः नव देवी व अंतिम दिन प्रभु श्री राम की पूजा होती है l इस दिन को प्रभु श्री राम का जन्मदिवस (राम नवमी) बड़े हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है l इस नवरात्री के पर्व से हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ होता है l
नवरात्री की प्रारंभ तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की प्रतिपदा(प्रथम दिन) 29 मार्च को सायं 4:27 बजे से प्रारंभ होगी तथा 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी l इस प्रकार चैत्र-नवरात्री 30 मार्च से प्रारंभ होकर 7 अप्रैल को समाप्त होगी l
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्री का महत्त्व
हिन्दू/सनातन धर्मं में चैत्र-नवरात्री का विशेष महत्त्व है l वैदिक हिंदू ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य सभी 12 राशियों से गुजर कर जब पुनः मेष राशि में प्रवेश करता है तभी से चैत्र-नवरात्री और हिन्दू नव वर्ष का प्रारंभ होता है l पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्र मास की प्रतिप्रदा को माँ दुर्गा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी और उन्होंने भगवान ब्रह्मा से अनुरोध किया कि वे पृथ्वी पर जीवन की रचना करें l फिर भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्माण्ड और बहुत सारे जीवो के जीवन की रचना की l

चैत्र नवरात्री में भी शारदेय नवरात्री की तरह नौ देवियों की पूजा होती है:
1. माँ शैलपुत्री: नवरात्री के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है l ये देवी पार्वती का प्रथम रूप है और पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैंl
2. माँ ब्रह्मचारिणी: नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है l ये माँ का दूसरा रूप है जो तपस्या और दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
3. माँ चंद्रघटा: नवरात्री के तीसरे दिन माँ चंद्रघटा की पूजा होती है l ये माँ का तीसरा रूप है जो शांति और सौम्यता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
4. माँ कुष्माण्डा: नवरात्री के चौथे दिन माँ कुष्माण्डा की पूजा होती है l ये माँ का चौथा रूप है जो ब्रह्मांड की रचना करने वाली शक्ति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
5. माँ स्कंदमाता: नवरात्री के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा होती है l ये माँ का पांचवा रूप है जो संतान और प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
6. माँ कात्यायनी: नवरात्री के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है l ये माँ का छठा रूप है जो भक्तों को संकटों से मुक्ति प्रदान करने के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
7. माँ कालरात्रि: नवरात्री के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती है l ये माँ का सातवां रूप है जो काल और मृत्यु पर विजय के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
8. माँ महागौरी: नवरात्री के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा होती है l ये माँ का आठवां रूप है जो सुंदरता और शक्ति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
9. माँ सिद्धिदात्री: नवरात्री के नवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा होती है l ये माँ का नवां रूप है जो सभी सिद्धियों और सफलताओं की देवी के प्रतीक के रूप में जाना जाता है l
चैत्र नवरात्रि में भक्तगण देवी पूजन, व्रत, देवीपाठ, देवी मंत्र उच्चारण सहित कई अनुष्ठान करते हैं। वे अपने घरों की सफाई और सजावट भी करते हैं और सात्विक भोजन और फल खाते हैं। नौवें दिन हवन, कन्या पूजन तथा कन्या भोज के बाद व्रत तोड़ा जाता है।
क्या वजह है कि इस बार नवरात्री 9 की जगह 8 दिन की होगी?
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष नवरात्री की पंचमी तिथि को चंद्रग्रहण के कारण नवरात्रि के नौ दिनों में शामिल नहीं किया गया हैl यही वजह है कि इस वर्ष की चैत्र नवरात्री केवल आठ दिनों की ही होगी l
Disclaimer: यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी प्रदान के उद्देश्य से लिखी गई l पाठक अपने विवेक निर्णय लें से या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।