ऑस्ट्रिया के रक्षा विशेषज्ञ के दावे के बाद सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने नष्ट कर दिये? …
सोशल मीडिया पर इस बात की बहुत चर्चा है कि क्या भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने तबाह कर दिये हैं? दूसरी ओर ऑस्ट्रियाई रक्षा विशेषज्ञ के उस दावे की भी बहुत चर्चा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया और उन्हें नष्ट किया। इस रिपोर्ट में दावों की सत्यता को जानने की कोशिस की गई है:
दावा करने वाले विशेषज्ञ: यह दावा ऑस्ट्रियाई लड़ाकू विमान इतिहासकार (कॉपबैट एविएशन हिस्टोरियन) टॉम कूपर द्वारा किया गया है (cemaat.mediamedium.com) । टॉम कूपर हवाई युद्ध विश्लेषक हैं और उन्होंने मध्य-पूर्व, अफ्रीका तथा एशिया के वायुसेनाओं पर कई पुस्तकें और लेख लिखे हैं (cemaat.mediamedium.com)। वे विदेशी युद्धाभ्यास पर व्याप्त भ्रांतियों को उजागर करते रहे हैं और दक्षिण एशियाई सुरक्षा मामलों में भी जानकारी रखते हैं।

दावा कहाँ और कैसे किया गया: यह दांव टॉम कूपर ने Times Now चैनल की एंकर नविका कुमार के साथ न्यूज़ ऑवर कार्यक्रम में अपने साक्षात्कार के दौरान लगाया, जैसा Times of India की रिपोर्ट में बताया गया है कि कूपर ने कहा कि “10 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुशाफ (सारगोधा) एयरबेस में स्थित एक भूमिगत परमाणु हथियार भंडारण साइट के दोनों द्वारों को वीडियो साक्ष्यों से निशाना बनाया और नष्ट किया।” उन्होंने दावा किया कि यह संकेत है कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु क्षमताओं को अवरुद्ध कर दिया (timesofindia.indiatimes.com)।
अन्य समाचार स्रोतों में पुष्टि: अन्य अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी (जैसे BBC, Reuters, Al Jazeera आदि) ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है। इसके विपरीत, भारतीय रक्षा अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। भारतीय वायुसेना के डीजीएओ एयर मार्शल A.K. भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में जानकारी नहीं थी … हमने किराना हिल्स को नहीं मारा”।
इसी तरह Economic Times में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार – भारती ने स्पष्ट किया कि “भारत ने किराना हिल्स को कोई लक्ष्य नहीं बनाया” (m.economictimes.com)। फेक्ट-चेक वेबसाइट Alt News और BOOM ने वायरल ‘रेडिएशन लीक’ दस्तावेज़ को नाकारा बताया और कहा कि भारतीय वायुसेना ने किराना हिल्स या किसी परमाणु स्थल पर हमले की योजना नहीं बनाई (altnews.inboomlive.in)। इन समाचारों और आधिकारिक बयानों से यह स्पष्ट होता है कि कई स्रोत इस दावे का समर्थन नहीं कर रहे है।
सरकारों की आधिकारिक प्रतिक्रियाएँ: भारतीय सरकार ने भी इस दावे से इनकार किया है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय कार्रवाई का मकसद आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी परमाणु सुविधाओं को। इसके अलावा, पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुद इस घटना को परमाणु आयुध से संबंधित नहीं बताया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश संघर्ष विराम का पालन कर रहा है और भारत को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया (reuters.com)। पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने इस अवसर पर टिप्पणी की कि “भारत ने परमाणु-सुसज्जित देश पर मिसाइल हमला किया” (washingtonpost.com)।
उपग्रह चित्र और स्वतंत्र विश्लेषण: स्वतंत्र उपग्रह इमेजरी और रक्षा विश्लेषकों की रिपोर्टों में भी परमाणु भंडार पर हुए हमले की स्पष्ट पुष्टि नहीं मिलती। उदाहरण के लिए, Hindustan Times में रॉयटर्स की सैटेलाइट तस्वीरें छपीं जिनमें भारत के हमलों के बाद सर्गोधा एयरबेस के मुशाफ रनवे पर क्षति दिख रही है (hindustantimes.com)।
India Today ने भी रिपोर्ट किया कि मुशाफ एयरबेस के रनवे पर लक्ष्यबद्ध हमला हुआ (indiatoday.in)। हालांकि, ये हमले सिर्फ एयरबेस के रनवे व संलग्न बंकर तक सीमित लगते हैं। जैसे कि कर्नल विनायक भाट (सेवानिवृत्त) ने लिखा है कि किराना हिल्स व्यापक सुरक्षा प्रणाली और मजबूत भूमिगत सुरंगों से भरा हुआ है (indiatoday.in)।
इन विश्लेषणों से स्पष्ट है कि हथियार केवल सतही लक्ष्यों तक ही पहुंचे, जबकि परमाणु भंडार की सुरक्षा बहुत गहरी है। कुल मिलाकर, खुली सैटेलाइट इमेज या स्वतंत्र रिपोर्टों में कोई साफ़ संकेत नहीं मिलता कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु भंडारों को सीधे निशाना बनाया हो।
दावे की सत्यता और प्रचार: फ़िलहाल उपरोक्त रिपोर्ट के आधार पर यह दावा अफवाह ही लगता है। सोशल मीडिया पर इसके पक्ष और विपक्ष में अलग अलग दावे मिलते हैं जिसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं:
- सोशल मीडिया/कुछ साइट्स का प्रचार: कुछ वेबसाइटों (जैसे OpIndia) ने इन दावों को बार-बार दोहराया। जबकि कुछ जैसे Alt News इस तरह की रिपोर्टों को “प्रोपेगेंडा आउटलेट” बता रही हैं।
- रूचि बढ़ाना: इस दावे से यह संदेश जाता है कि भारत बहुत शक्तिशाली है और वह पाकिस्तान की सबसे संवेदनशील संपत्तियाँ भी निशाना बना सकता है। इससे पाकिस्तान पर दबाव बनाने और भारतीय जनता का मनोबल बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
- कूटनीति: ऑपरेशन सिंदूर को सफल दिखाने या कूटनीतिक-वार्ता को मज़बूत करने के लिए, हो सकता है कि यह जानकारी फैलाई गई हो।
इन रिपोर्टो के आधार पर निष्कर्ष यही मिलता है कि इसका समर्थन और खंडन व्यापक रूप से प्रचारित हैंl लेकिन कोई भी आधिकारिक स्रोत इसकी पुष्टि नहीं करताl
स्रोत: Times of India (timesofindia.indiatimes.com,) Economic Times (m.economictimes.com), Alt News (altnews.in,) BOOMFactCheck (boomlive.in), India Today (iindiatoday.in), Hindustan Times (hindustantimes.com), Reuters (reuters.com), Washington Post (washingtonpost.com) इत्यादि।