इसमें कोई शक नहीं कि चलना एक अच्छा व्यायाम है पर जरुरी है कि सही तरीके से चला जाये..
वैसे ये तो सभी जानते ही हैं कि चलना स्वास्थ के लिए कितना आवश्यक है l चलना भी एक तरह का व्यायाम ही है पर क्या आप ये जानते हैं कि केवल चलने से ही लाभ नहीं होता सही तरीके से चलना ही स्वास्थ के लिये लाभकारी है l गलत तरीके से चलने का उल्टा असर भी हो सकता है l इसीलिए जानते हैं कि हम क्या गलतियाँ करते हैं और हमें चलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए l
पानी पीने से बचना: कई लोग चलने के दौरान या फिर चलने के पश्चात पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन नहीं करते जो कि सही नहीं है l चलने के दौरान शरीर से पसीना निकलता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे शरीर की उर्जा कम होती है और सिरदर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, चक्कर आने जैसी समस्यायें होने लगती हैं l
इसीलिए वॉक के दौरान हर 10 मिनट में 1-2 घूंट पानी पीते रहना चाहिए और वाक के भी पर्याप्त मात्र में पानी का सेवन करना चाहिए l
चलने के तुरंत बाद अधिक खाना: चलने के तुरंत बाद बहुत अधिक खा लेने से पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है l ऐसा करने से बहुत भारीपन महसूस होगा और अपच की स्थिति निर्मित होती है l ऐसा करने से शरीर में फैट भी जमा होता है जो ह्रदय के लिये हानिकारक है l
इसीलिए चलने के बाद 30 मिनट का ब्रेक लें और फिर कुछ खायें l खाने के तुरंत बाद भी चलने से बचना चाहिए और 20-30 मिनट का गैप रखना चाहिए l
हाथ तानकर चलना: कई लोग चलते समय हाथों को तानकर चलते है या फिर बहुत अधिक हिलाते हैं ऐसा करने से शरीर की प्राक्रतिक लय और संतुलन ख़राब होता है l ऐसा करने से शरीर का फैट भी कम नहीं होता और शरीर का संतुलन भी बिगड़ता हैl
इसीलिए एकदम नेचुरल और नियंत्रित तरीके से चलना चाहिएl चलते समय शरीर को कोई विशेष अवस्था देने की आवश्यकता नहीं है l
क्षमता से अधिक चलाना: चलना स्वास्थ के लिए लाभकर है पर बहुत ज्यादा और तेज चलने से नुकसान होता है l ऐसा करने से पिंडली की हड्डी में दर्द हो जाता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी खिचाव व दर्द की समस्या हो सकती है l
इसीलिए आवश्यक है कि क्षमता से अधिक न चलें l यदि आवश्यक है तो चलने से समय को धीरे धीरे बढाना चाहिए l
चलते समय मोबाइल देखना या बात करना: अक्सर ये देखने में आता है कि बहुत से लोग जब वॉक पर जाते हैं तो साथ में मोबाइल रखते हैं और या तो उस पर बात करते रहे हैं या फिर उसकी स्क्रीन पर कुछ कर रहे होते हैं l ऐसा करते समय गर्दन और पीठ झुकाव की अवस्था में चले जाते हैं l इस स्थिति में चले से फेंफड़ो और ह्रदय को वो लाभ नहीं होता जो वॉक से मिलना चाहिए l
इसलिए आवश्यक है चलते समय मोबाइल पर बात करने से या उसका उपयोग करने से बचना चाहिए l
चलते समय बातें करना: चलते समय ध्यान कही और होने से या साथ में किसी से बात करने से हमारी गति और साँस लेने का पैटर्न बिगड़ जाता है जिससे फेंफड़ो में ओक्सिजन की कमी हो जाती है और जल्दी थकान महसूस होने लगती है l ऐसा करने से शरीर की कैलोरी भी कम बर्न(नष्ट) होती है l
इसीलिए जब किसी के साथ वॉक कर रहें हों तो बातें करने से बचे और पूरा ध्यान चलने में लगायें l
बहुत धीमे या तेज चलना: यदि आप बहुत धीरे धीरे चलते हैं तो ऐसे में ह्रदय को कोई लाभ नहीं पहुँचता l इसी तरह बहुत तेज चलने से सांसे जल्दी फूल जाती हैं और थकान लगने लगती है l ज्यादा तेज चलने से मांसपेशियों में खिचाव हो सकता है और वजन कम करे का मकसद भी पूरा नहीं होता l
इसीलिए चलते समय गति संतुलित होनी चाहिए न बहुत धीमे और न ही बहुत तेज l
लंबे डग भरना: कई लोग चलते समय बहुत लंबे लंबे डग भरते हैंl ऐसा करने से घुटनों और टखनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है इससे जोड़ो और मांसपेशियों में असंतुलन से चोटिल होने का खतरा बद्द जाता है l
इसीलिए संतुलित कदमों के साथ चलना बेहतर होता हैl इससे खिंचाव या दबाव नहीं होता l
झुककर या नीचे देखकर चलना: कुछ लोग झुककर चलते हैं या लगातार नीचे देखकर चलते हैंl ऐसा करना सही नहीं होता क्योंकि ऐसा करने से गर्दन और कंधो में जकडन की समस्या हो सकती है और रीढ़ की हड्डी पर भी इसका असर पड़ सकता हैl
इसीलिए चलते समय गर्दन को सीधा रखना चाहिए, पीठ भी सीधी रखें और कंधो को हल्का छोड़ दें l

यदि आप बाहर जाकर नहीं चल सकते तो कोई बात नहीं, आप नीचे दिए तरीकों से घर पर भी चल सकते हैं….
- घर के हॉल या कमरे में आप स्थिर गति के साथ छोटे छोटे कदमो से सीधा चलें l चलते समय हाथों को अपनी नेचुरल गति से ही हिलने दें l
- सीढीयों पर शरीर को सीधा रखते हुए धीरे धीरे चदे व उतरें l
- पैरों को सामानांतर रखते हुए बायें या दाईं ओर तिरछा चलें l
- यदि संभव हो तो आप उल्टा भी चल सकते हैं l उल्टा चलना बहुत फायदेमंद होता है l बस इसमें प्रैक्टिस और सावधानी का ध्यान रखना आवश्यक होता है l
Disclaimer: यह जानकारी कोई चिकित्सीय सलाह नहीं हैl जानकारों से प्राप्त जानकारी पर आधारित हैll पाठक अपने विवेक और विशेषज्ञ की सलाह से निर्णय लेंl