अमूमन हम सभी जानते हैं कि रक्तचाप, शुगर और मोटापा हार्ट अटैक की प्रमुख वजह हैं लेकिन और भी साइलेंट वजह हैं जिनसे हार्ट अटैक हो सकता है…
पहले अक्सर ये देखा जाता था कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो हृदय से जुडी परेशानी होती थी l पर अब स्थिति बिलकुल बदल चुकी है l अब 40 वर्ष से कम आयु के युवा और जहाँ तक कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके हैं l कोविड के बाद तो अनेक ऐसे मामले देखने को मिले हैं जिसमे कम उम के युवाओ और बच्चो को अचानक से हार्ट अटैक हुआ और उनने दम तोड़ दिया l
अब ऐसा क्या है जिसकी वजह से ये हो रहा और इस चिंताजनक स्थिति पर ध्यान दिया जाना जरुरी है l वैसे तो अमूमन हम सभी जानते हैं कि रक्तचाप, शुगर और मोटापा दिल के दौरे की प्रमुख वजह हैं लेकिन और भी साइलेंट वजह हैं जिनसे हार्ट अटैक हो सकता है l बच्चो से जुडी दिल कि समस्याओ में कारण अलग होते हैं l

प्रमुख कारण
आजकल बच्चों में बढ़ रही ह्रदय की समस्या का प्रमुख कारण है कम पोषक खानपान, अधिक वसायुक्त खानपान और अधिक जंक फ़ूड का सेवन बच्चों की सेहत पर प्रभाव डालते हैं, विशेषकर दिल पर l इसके अलावा आजकल बच्चों की शारीरिक गतिविधि का कम होना भी इस समस्या का एक प्रमुख कारण है l
पहले बच्चों के अधिकांश खेल शारीरिक ही होते थे तथा अन्य गतिविधियों में भी शारीरिक श्रम हो जाता था किन्तु अब परिस्थिति बिलकुल उलट दिखाई पड़ती है l
अन्य कारण
कावासाकी रोग: इसमें धमनियों में सूजन हो जाती है जिससे रक्त संचार में रूकावट हो जाती है, जो बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा बन सकता हैंl
संक्रामक रोग: कुछ संक्रामक रोगों की वजह से भी हृदय की धमनियाँ सूज जाती है l इस स्थिति को मायोकार्डीटिस कहा है, ये भी हृदय के लिए गंभीर खतरा है l
चैनलोपैथी: इसमें, शरीर में सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन में में गड़बड़ी हो जाती है जिससे दिल की धड़कन असामान्य हो जाती हैं जिससे जानलेवा स्थिति बन सकती हैं l
हाइपरट्राफिक कार्डियोमायोपैथी: इसमें ह्रदय की मांसपेशियाँ असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं जिससे धडकनें तेज होने से कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है l ये एक अनुवांशिक समस्या भी हो सकती है l
आर्टरी में सूजन: कुछ बच्चो और युवाओ में अनुवांशिक कारणों से ये समस्या होती हैl इसमें दिल की धमनियों में सूजन की वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है और हार्ट अटैक हो है l
जन्मजात ह्रदय रोग: कुछ बच्चो में जन्म से ही ह्रदय की समस्या होती है जैसे ह्रदय में छेद l कुछ बच्चो की ह्रदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से विकसित होती हैं जो आगे चलकर गंभीर ह्रदय रोग या हार्ट अटैक का कारण बनती हैं l
मेटाबोलिज्म भी हो सकता है कारण
आजकल बच्चों में शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं और भोजन में कैलोरी की मात्रा अधिक हो गई है l इसकी वजह से मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है l शरीर में वसा अधिक पहुँचता और धीरे धीरे धमनियों में जमा होकर कोलेस्ट्रोल को बढाता जिसके रक्त्चाप, शुगर और हार्ट अटैक की समस्यायें होती हैं l
अगर बच्चे का वजन अधिक बढ़ रहा है या वो जल्दी थक जाता है l शारीरिक गतिविधियों में रूचि नहीं लेता या तेज चलने में उसकी साँस फूल जाती है तो ऐसी स्थिति में डाक्टरी परामर्श जरुरी है l मेटाबोलिक टेस्ट कराना चाहिए और यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की बच्चे का रक्तचाप, शुगर, कोलेस्ट्रोल वगैरह सब ठीक है या नहीं l
इन बातों ध्यान देना जरुरी है
- बच्चों के भोजन में हरी सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर युक्त चीजों की मात्रा बढ़ाये l
- बच्चों को जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक या अधिक मीठा खाने से रोकें l
- बच्चों को शारीरिक खेलकूद तथा व्यायाम के लिए प्रेरित करें l
- अगर परिवार में ह्रदय रोग का इतिहास है तो समय समय पर बच्चों की ह्रदय जाँच कराते रहें l
- अगर बच्चा जल्दी थक जाता है, चिढ़चिढ़ाता है, उसकी साँस फूलती हो या शरीर का रंग नीला पड़ रहा हो तो चिकित्सक को तुरंत दिखाना चाहिये l
*विशेषज्ञ की बताई जानकारी पर आधारित
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