भारत में ईवी का बाजार जिस तेजी से बद रहा है उसे देखकर ऐसी संभावना है कि 2030 के संभावित लक्ष्य की प्राप्ति उससे पहले ही हो जायेगी ….
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। फॉर्च्यून बिजनेस इनसाइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ईवी बाजार का मूल्य 2023 में लगभग 8.03 अरब अमेरिकी डॉलर था। बाजार 2024 में भी तेज़ी से बढ़ने की आशंका है – EVreporter के आंकड़ों के अनुसार 2024 में भारत में लगभग 20.23 लाख EVs बिके, जो 2023 के 16.13 लाख के मुकाबले करीब 25.4% की वृद्धि है ।
ब्लूमबर्ग NEF की रिपोर्ट भी बताती है कि 2024 में भारत में वार्षिक EV बिक्री 27% बढ़कर पहली बार 2 मिलियन यूनिट के पार चली गई। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी भारत का ईवी बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है: 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा बहुत बढ़ाने के लक्ष्य हैं (उदाहरण के लिए सरकार ने यात्री वाहनों में 30% ईवी का लक्ष्य रखा है)।
सरकार की नीतियों और प्रमुख निवेश के परिणामस्वरूप नजदीकी वर्षों में भी बाज़ार तेज वृद्धि दिखाएगा। Fortune Insights की भविष्यवाणी के अनुसार भारत का ईवी बाजार 2024 में लगभग 23.38 अरब डॉलर तक पहुँचने और 2032 तक 117.8 अरब डॉलर तक बढ़ने (CAGR ~22.4%) की राह पर है। संक्षेप में, वर्तमान में भारत का ईवी बाजार छोटे आकार का है किन्तु उससे जुड़े कारक (उच्च इंधन मूल्य, पर्यावरण-जागरूकता, नीति प्रोत्साहन) तेज़ी से इसे बढ़ा रहे हैं।
वाहन वर्ग के अनुसार बाजार विभाजन
विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों में से दो-पहिया EV (ई-स्कूटर/बाइक) का हिस्सा सबसे बड़ा है। 2024 में कुल EV बिक्री का लगभग 60% भाग दो-पहिया वाहनों का था (लगभग 12.11 लाख इकाइयाँ)। तीन-पहिया EV (ई-रिक्शा और ई-कार्ट मिलाकर) का कुल हिस्सा करीब 27% (5.40 लाख इकाइयाँ) था। चार-पहिया EV (ई-पैसेंजर कारें और हल्की वाणिज्यिक वाहन) की संख्या अपेक्षाकृत कम 1.05 लाख रही (लगभग 5%)। नीचे तालिका में 2023 और 2024 की EV बिक्री श्रेणीवार (इकाइयों में) दी गई है:
वाहन वर्ग | EV बिक्री 2023 (इकाइयाँ) utkarsh.com | EV बिक्री 2024 (इकाइयाँ) evreporter.com |
---|---|---|
दो-पहिया | 6,31,464 | 12,11,193 |
तीन-पहिया | 3,52,710 | 5,40,556 (ई-रिक्शा+ई-कार्ट) |
चार-पहिया | 38,240 | 1,05,695 |
वाणिज्यिक वाहन | 2,649 | 5,673 |
कुल EV बिक्री | 10,25,063 | 20,22,873 |
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि दो-पहिया और तीन-पहिया EV बिक्री में सबसे तेज बढ़त आई है। 2023-24 में दो-पहिया EV की बिक्री में करीब 92% और तीन-पहिया EV की बिक्री में लगभग 53% की वृद्धि हुई। इसके उलट चार-पहिया EV में भी तेज़ी से वृद्धि हुई (114%), परन्तु उनका आधार बहुत छोटा होने के कारण कुल हिस्सेदारी अभी मात्र ~5% है।

EV रिपोर्टर के अनुसार ईवी ग्रहण (penetration) के संदर्भ में भी तीन-पहिया वाहन अग्रणी हैं: साल 2024 में ई-लॉरी/कार्गो तीन-पहिया में EV का हिस्सा 24.2% और ई-पैसेंजर तीन-पहिया में 20.8% रहा, जबकि दो-पहिया में यह करीब 6.2% था और चार-पहिया में ~2.5%। यह दिखाता है कि परिचालन लागत बचत के चलते खासकर ऑटो रिक्शा और लघु-ट्रक क्षेत्र में EV तेजी से फैल रहे हैं।
सरकारी नीतियाँ और प्रोत्साहन
भारत सरकार ने ईवी अपनाने और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं। अप्रैल 2019 में शुरू हुई FAME II योजना (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) के तहत अब तक ~₹10,000 करोड़ आवंटित किए जा चुके हैं, जो ईवी खरीद पर सब्सिडी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में लगते हैं।
मार्च 2024 में बजट में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया – उच्च-मूल्य वाले EVs पर आयात शुल्क घटाकर 100% से 15% कर दिया गया (यदि निर्माता $500 मिलियन निवेश और 3 वर्षों में स्थानीय विनिर्माण शुरू करे)। केंद्र सरकार ने 2021 में PLI योजना (Advanced Chemistry Cell बैटरी) के तहत भी ₹18,100 करोड़ का बजट मंजूर किया, जिससे देश में गीगाफैक्ट्री स्तर की बैटरी निर्माण सुविधाएँ स्थापित होंगी।
सितंबर 2024 में PM ई-DRIVE योजना की घोषणा की गई, जिसमें अगले दो वर्षों के लिए कुल ₹10,900 करोड़ का बजट रखा गया है। इसके तहत सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए ₹2,000 करोड़ आवंटित हैं। इन पहलों से चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार, बैटरी विनिर्माण, और ईवी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कई राज्य सरकारों ने अपनी ईवी नीतियाँ लागू की हैं, जैसे कर में छूट, पंजीकरण शुल्क में रियायत आदि। उदाहरणतः कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि ने अलग से सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज दिए हैं। इन सरकारी पहलों के चलते घरेलू विनिर्माण (Make in India), निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
ईवी के प्रसार के लिए चार्जिंग नेटवर्क का विकास बहुत महत्वपूर्ण है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, भारत में दिसंबर 2024 तक 25,202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो चुके हैं । इनमें सबसे अधिक कर्नाटक (5,765 स्टेशनों) के पास हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (3,728) और उत्तर प्रदेश (1,989) का क्रम है । प्रत्येक साल इन स्टेशनों की संख्या दोगुनी होती जा रही है। सरकार की ई-DRIVE योजना और बिजली मंत्रालय के मानक-निर्देशों से चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और भी बड़े पैमाने पर बिछने की संभावना है।
सार्वजनिक चार्जर्स के अलावा निजी कंपनियाँ (जैसे टाटा पावर, एवेस्ट, Reliance ई-स्पीड आदि) और तेल कंपनियाँ (IOCL, एचपीसीएल, BPCL) भी चार्जिंग पॉइंट्स लगा रही हैं। इस क्षेत्र में भी निवेश अवसर हैं – उदा. रिटेल पोर्टल्स, चार्जर निर्माण, बैटरी स्वैप स्टेशनों की सेवाएँ आदि। नीचे सारणी में राज्यों के सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की स्थिति संक्षेप में दी गई है:
राज्य | सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (Dec 2024 तक) energy.economictimes.indiatimes.com |
---|---|
कर्नाटक | 5,765 |
महाराष्ट्र | 3,728 |
उत्तर प्रदेश | 1,989 |
अन्य (योग) | 13,720 (अन्य सभी राज्यों का कुल) |
कुल भारत | 25,202 |
इस तेजी से बन रहे नेटवर्क से ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और लंबी दूरी की यात्रा में भी ईवी अपनाने में सहुलियत होगी। साथ ही फास्ट चार्जर और सोलर-पावर्ड चार्जिंग जैसी तकनीकों में भी काम चल रहा है, जिससे लागत घटने और सुविधा बढ़ने की उम्मीद है।
प्रमुख कंपनियाँ और निवेश संभावनाएँ
भारतीय ईवी बाजार में कई घरेलू और विदेशी खिलाड़ी सक्रिय हैं। घरेलू कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक (M&M), अशोक लेलैंड, टीवीएस, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज आदि प्रमुख हैं। टाटा मोटर्स ने भारत की EV कार मार्केट में नेतृत्व किया है, हालाँकि 2024 में उसका शेयर 73% से घटकर 62% हो गया है, क्योंकि जेएसडब्ल्यू की MG ने नए मॉडल लॉन्च कर 25% तक हिस्सेदारी ले ली।
टीवीएस, बजाज और हीरो मोटोकॉर्प जैसे पारंपरिक दो-पहिया दिग्गजों ने भी EV क्षेत्र में कदम रखा है – तीनों की संयुक्त EV बिक्री हिस्सेदारी 2024 में लगभग 40% थी।
विदेशी कंपनियाँ भी भारत में तेज़ी से प्रवेश कर रही हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला एक $2-3 बिलियन की कारखाना परियोजना पर काम कर रही है; उसने अप्रैल 2024 में टीम भेजकर महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में साइट देखी। भारत ने उच्च मूल्य वाले EV पर शर्तों के साथ आयात शुल्क घटाए हैं, जिससे टेस्ला जैसी कंपनी को स्थानीय विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन मिला।
चीन की BYD, वियतनाम की VinFast समेत कई ग्लोबल OEM भारत के EV हब बनने की संभावना देखते हुए यहाँ निवेश कर रहे हैं। 2025 में Maruti Suzuki, Hyundai, M&M भी अपना EV मॉडल ले आये हैं। घरेलू बैटरी निर्माण में भी टाटा समूह ने अग्रिम भूमिका ली है – उनकी बैटरी यूनिट Agratas में 2026 से लिथियम-आयन सेल निर्माण शुरू होगा, जिससे महत्वपूर्ण कच्चे माल पर नियंत्रण मिलेगा।
निवेश के अवसर: ईवी क्षेत्र में पूँजी आकर्षण बढ़ रहा है। ब्लूमबर्गNEF रिपोर्ट के अनुसार भारत में ईवी कंपनियों ने 2024 में वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी और बैंकों से लगभग $1 अरब का निवेश जुटाया, जिसमें EV निर्माताओं ने $671 मिलियन के सौदे किए। इसके अलावा कई कंपनियाँ IPO के जरिये धन जुटा रही हैं – हाल ही में हुंडई इंडिया का IPO देश का सबसे बड़ा IPO रहा तथा ओला इलेक्ट्रिक भी सार्वजनिक बाजार में सूचीबद्ध होने वाली पहली शुद्ध ईवी कंपनी बनी।
सरकारी प्रोत्साहन (जैसे PLI, FAME आदि) और निर्यात संभावनाओं की वजह से विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ी है; अनुमान है कि 2030 तक ईवी क्षेत्र में भारत को $500 अरब तक का निवेश मिल सकता है (स्वतंत्र विश्लेषकों का अनुमान)।
भविष्य की संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ
भारत में ईवी अपनाने की संभावनाएँ उज्जवल हैं, लेकिन चुनौतियाँ भी हैं। सरकार ने 2030 तक यात्री वाहनों में 30% ईवी लक्ष्य रखा है तथा बिजली और परिवहन क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य है। यदि ये लक्ष्य पूरे होते हैं, तो अगले दशक में EV की माँग कई गुना बढ़ेगी। बाजार विश्लेषक एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार 2025 में भारत में बैटरी-चालित यात्री वाहनों का उत्पादन करीब 3.01 लाख तक पहुँच सकता है, जो 2024 की तुलना में लगभग 140% ज़्यादा है। आगामी वर्षों में तकनीकी प्रगति (जैसे सॉलिड-स्टेट बैटरी, फास्ट चार्जिंग, बैटरी स्वैप सिस्टम) भी कीमत कम कर सकती है और उपभोक्ताओं को आकर्षित करेगी।
साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी कचरा प्रबंधन, स्थानीय कंपोनेंट निर्माण, और नियमित विद्युत ग्रिड अपग्रेड की जरूरत बढ़ेगी। निवेशकों के लिए अवसर हैं – नए चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण, ऊर्जा भंडारण (बैटरी) परियोजनाएँ, EV सेवा/लेज़िंग मॉडल, और R&D केंद्र खोलना। वैश्विक पार्टनरशिप (जैसे Japan, EU सहयोग से बैटरी टेक्नोलॉजी पर काम) भी आगे बढ़ सकते हैं। कुल मिलाकर, भारत में ईवी क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है: सरकारी समर्थन और बाजार अभिरुचि के साथ भविष्य में यह वाहन उद्योग का एक बड़ा हिस्सा बन सकता है।
स्रोत: ऊपरोक्त आँकड़े और जानकारी प्रमुख प्रकाशित रिपोर्टों और समाचार स्रोतों से संकलित हैं fortunebusinessinsights.com, evreporter.com, bharatexpress.com, utkarsh.com, spglobal.com, energy. economictimes.in, diatimes.com, heavyindustries.gov.in, reuters.com।