(ITR (इनकम टैक्स रिटर्न), वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल करने की प्रक्रिया देशभर में जारी पर है। जिन लोगों की आय कर योग्य है, उनके लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है। लेकिन अब यह प्रक्रिया पहले से अधिक आसान और पारदर्शी हो गई है, क्योंकि आयकर विभाग ने ‘TAXASSIST‘ नाम की एक विशेष सुविधा शुरू की है।
क्या है TAXASSIST (टैक्सअसिस्ट)?
‘TAXASSIST’ एक डिजिटल सपोर्ट सेवा है, जिसे विशेष रूप से करदाताओं की मदद के लिए विकसित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओं और समस्याओं का त्वरित समाधान देना है।
इस सेवा के जरिए न सिर्फ टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया को समझना आसान हो जाता है, बल्कि करदाताओं को टैक्स से जुड़ी अहम जानकारी, दिशा-निर्देश और समयसीमा की भी समय-समय पर याद दिलाई जाती है। साथ ही यह सरकारी संचार को समझने और टैक्स से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को समय पर पूरा करने में भी मदद करता है।
गलती हुई तो TAXASSIST देगा चेतावनी!
यदि कोई करदाता गलती से गलत डिडक्शन जैसे कि धारा 80GGC के तहत छूट का दावा करता है, तो TAXASSIST उन्हें ITR को संशोधित करने या फिर इनकम टैक्स रिटर्न-U दाखिल करने की सलाह देगा। साथ ही टैक्स और ब्याज जमा कराने का भी निर्देश देगा ताकि किसी भी तरह की पेनल्टी या जांच से बचा जा सके।
अगर कोई व्यक्ति फर्जी राजनीतिक चंदा दिखाकर टैक्स से बचने की कोशिश करता है, तो यह टैक्स चोरी के दायरे में आएगा। ऐसी स्थिति में TAXASSIST संबंधित करदाता को इनकम टैक्स रिटर्न-U दाखिल कर देय टैक्स और ब्याज का भुगतान करने की चेतावनी देगा ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। वहीं यदि चंदा वैध है, तो करदाता को रसीद और लेन-देन से जुड़े सभी प्रमाण सुरक्षित रखने की सलाह दी जाएगी।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तिथि कब है?
आयकर विभाग ने इस वर्ष इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। यानी करदाता अब 31 जुलाई के बजाय 15 सितंबर तक बिना किसी जुर्माने के ITR फाइल कर सकते हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के फायदे: सिर्फ टैक्स नहीं, आपकी ज़िंदगी में भी आसानियाँ
बहुत से लोग यह मानते हैं कि अगर उनकी आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो ITR दाखिल करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन यह सोच पूरी तरह सही नहीं है। ITR भरने के कई ऐसे फायदे हैं जो आपकी वित्तीय ज़िंदगी को आसान बनाते हैं।
1. विदेश यात्रा में आसान वीजा प्रक्रिया
अगर आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं, चाहे वह घूमने के लिए हो या काम के सिलसिले में, तो ITR एक बेहद जरूरी दस्तावेज है।
वीजा आवेदन करते समय कई देश पिछले 3-4 वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न की मांग करते हैं, ताकि आपकी आर्थिक स्थिति का प्रमाण मिल सके। ITR आपकी फाइनेंशियल स्थिरता दर्शाता है, जिससे वीजा मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
2. बैंक लोन में मजबूती
चाहे होम लोन लेना हो, कार लोन या पर्सनल लोन — ITR दस्तावेज आपके लिए बड़ी भूमिका निभाता है। यह आपकी आय और वित्तीय स्थिति का प्रमाण होता है, जिससे बैंक आपके क्रेडिट प्रोफाइल का मूल्यांकन करते हैं।
ITR दिखाकर आप आसानी से बैंकिंग संस्थानों से लोन पास करवा सकते हैं, खासकर तब जब आपके पास कोई अन्य आय प्रमाण नहीं हो।
3. इंश्योरेंस क्लेम में भरोसेमंद सहारा
यदि आपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ली हुई है, तो इनकम टैक्स रिटर्न दस्तावेज आपके क्लेम को पास कराने में अहम भूमिका निभाता है। बीमा कंपनियां यह जानना चाहती हैं कि आपके पास बीमा के बराबर आय स्रोत है या नहीं। ITR से यह स्पष्ट होता है, जिससे आपके परिवार को क्लेम मिलने में आसानी होती है।
4. टैक्स रिफंड का त्वरित लाभ
अगर आपके वेतन या निवेश पर टैक्स कटौती हुई है, और आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर आप अपना टैक्स रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यह राशि सीधे आपके खाते में जमा की जाती है, और इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है।
कई बार लोग यह सोचकर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते कि उन पर टैक्स नहीं बनता, जबकि वे सरकार से रिफंड पाने का मौका गंवा देते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना केवल कानूनी ज़रूरत नहीं है, बल्कि यह आपकी आर्थिक पहचान और सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है। TAXASSIST जैसी सुविधाएं इस प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाती हैं। इसलिए चाहे आपकी आय टैक्स के दायरे में हो या नहीं, ITR दाखिल करना एक समझदारी भरा कदम है। यह न सिर्फ आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति को मज़बूत बनाता है, बल्कि भविष्य में आने वाले कई अवसरों के द्वार भी खोलता है।