राधिका यादव की हत्या 10 जुलाई 2025 को सुबह लगभग 10:30 बजे गुरुग्राम (Sector 57/Sushant Lok‑2) स्थित उनके घर की रसोई में हुई थी। पिता, दीपक यादव, ने अपने लाइसेंसधारी .32 बीयर रिवॉल्वर से कम से कम पाँच गोलियाँ चलाईं जिसमे से तीन उनकी पीठ में और अन्य छाती/कमर में लगीं जिससे राधिका की मौत हो गईl
प्रारंभिक एफआईआर में “पीछे से तीन शॉट्स” की बात थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सीने में चार गोली लगने की बात सामने आई, जो जांच में नए आयाम ला रही हैl पुलिस और राधिका की दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत के अनुसार, पिता ने हत्या की योजना तीन दिनों के भीतर ही बनाई थी। परिवार को अलग‑थलग करने और रिश्तेदारों से दूरी बनाये रखने की योजना अपनाई थी ।
दीपक पिछले 15 दिनों से मानसिक दबाव में थे, गाँव के तानों के कारण वे नींद नहीं ले पा रहे थे, और घर में बेचैनी से भरे घूमते थे ।
क्या है राधिका की हत्या की वजह?
राधिका यादव हत्याकांड का असल कारण एक नहीं, बल्कि कई गहराई से जुड़े मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक तत्वों का घातक संगम है। नीचे हम इसे पांच मुख्य बिंदुओं में सरल लेकिन गहन तरीके से समझते हैं:
आर्थिक एवं सामाजिक तनाव
- पिता ने राधिका के टेनिस प्रशिक्षण पर लगभग ₹2.5 करोड़ खर्च किए थे (जैसा दीपक ने पुलिस को बताया)
- मगर शोल्डर इंजरी के बाद उसने कोचिंग शुरू कर दी, जो दीपक को स्वीकार नहीं था। गाँव व रिश्तेदारों ने कहते रहे कि “वह अपनी बेटी की कमाई पर जीवन यापन कर रहा है”, जिससे उनका आत्म-सम्मान ठेस पहुंचा ।
- दीपक ने पुलिस से बताया कि उन्होंने कई बार राधिका को कोचिंग नहीं करने और अकादमी बंद करने को कहा था, लेकिन उसने मना कर दियाl
सोशल मीडिया और अन्य संभावित कारण
- राधिका ने इंस्टाग्राम रील्स और “Karwaan” नामक म्यूजिक वीडियो में भी भाग लिया था। शुरू में यह सोशल मीडिया गतिविधियाँ हत्या का संभावित कारण बताई गयीं, लेकिन पुलिस ने इसे प्राथमिक कारण नहीं माना ।
- राधिका ने घटना से पहले सभी सोशल अकाउंट डिलीट कर दिए थे l फोन और चैट्स की पुलिस फोरेंसिक जांच कर रही है, जिसमें उसने विदेश जाने की इच्छा व्यक्त की ।
परिवारिक व मानसिक पहलू
- हिमांशिका ने दावा किया कि राधिका पर वर्षों से मानसिक दबाव था: कपड़ा पहनने, दोस्तों से मिलना, सोशल मीडिया पर पाबंदी थी ।
- विशेषज्ञों ने इस घटना को मान-अपमान, शर्मिंदगी, सामाजिक दबाव और परिवारिक नियंत्रण का एक मिलाजुला परिणाम बताया और इसे ‘displaced rage’ कहा जिका अर्थ है सामाजिक अपमान की भावना का घर-परिवार पर गंभीर असर करना ।
पिता की राधिका की आज़ादी पर नियंत्रण ना रख पाने की कुंठा
- राधिका अपने कपड़े, दोस्त, करियर और सोशल मीडिया गतिविधियों में पूरी तरह स्वतंत्र थी, जो पिता को मंज़ूर नहीं था।
- राधिका ने कई बार मना किया कि वो अकादमी बंद नहीं करेगी। उसने विदेश जाने की योजना भी बनाई थी, जो दीपक के लिए नियंत्रण के अंत की घोषणा थी।
पितृसत्तात्मक कट्टरता
- हत्या से 15 दिन पहले दीपक में मानसिक बदलाव देखा गया जैसे नींद नहीं आना, बेचैनी, चुपचाप रहना।
- उसने यह कथन दिया: “मैंने कन्या वध किया है… अब मैं आत्महत्या करूंगा।”
इसका मतलब साफ है: उसे अपनी हरकत पर अपराधबोध नहीं, बल्कि धार्मिक-सांस्कृतिक गौरव महसूस हो रहा था।

कानूनी प्रक्रिया और तलाश
- हत्या के बाद दीपक को पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार किया; FIR राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने दर्ज कराई l
- 11 जुलाई को एक दिन की पुलिस हिरासत, 12 जुलाई से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में कोर्ट भेजा गया l
- पुलिस ने समस्त फॉरेंसिक और गवाह अभिलेख (फोरेंसिक जांच, चश्मदीद बयान, आत्म-स्वीकारोक्ति आदि) की आधार पर चार्जशीट तैयार की जा रही है ।
यह मामला पितृसत्ता, पिता की आत्म‑सम्मान की भावना, कन्या‑वध जैसे सामाजिक पूर्वाग्रहों का एक भयानक उदाहरण माना जा रहा हैl राधिका की हत्या सिर्फ एक घरेलू हिंसा का मामला नहीं, बल्कि यह उस भारतीय सोच का आईना है जहाँ:
- बेटी की आज़ादी, पिता की हार मानी जाती है
- आर्थिक स्वतंत्रता और सोशल पहचान को “संस्कृति के विरुद्ध” माना जाता है
- “सम्मान” की आड़ में अपने ही बच्चे को मार देना भी गौरव समझा जाता है
- विशेषज्ञों ने परिवार में उत्पन्न तनाव व पिता की मानसिक स्थिति को ही इस कांड का केंद्र बताया।
- यह घटनाक्रम भारतीय समाज में महिला स्वायत्तता, आर्थिक आज़ादी और पारिवारिक राजशाही पर सवालों को गहराई से उछाल रहा है।
👉 तो असल कारण हो सकता है: पितृसत्ता, सामाजिक अपमान का भय, असुरक्षा और नियंत्रण खो देने की कुंठा।
डिस्क्लेमर: यह लेख मिडिया समाचार और इन्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी से संकलित हैl बोलतेशब्द घटना के तथ्यों की सत्यता का दावा नहीं करताl विश्लेषण विशेषज्ञों की राय पर आधारित हैl