आज की भागमभाग भरी जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति आपको ये कहता मिल ही जायेगा कि बहुत टेंशन है l हम अपने क्रियाकलापों इस हद तक समाहित रहते हैं कि हम समझ ही नहीं पते कि कब हम तनाव से घिर गए हैं l

जैसे जैसे हम भौतिक संसाधनों से घिर गए वैसे वैसे हमारी जिंदगी के क्रियाकलाप आसान तो हुए है लेकिन उतने ही तनावग्रस्त भी हुए हैं l कहा जाता है कि तनाव का संबंध मस्तिस्क और मन से होता है पर अब तनाव मन से होते हुए कब हमारे तन पर भी छ जाता है पता ही नहीं चलता l कंधे में खिचाव, सर दर्द और रक्तचाप जैसी आम हो गई समस्यायों का भी सीधा संबंध तनाव से होता है l
यदि आपको महसूस होता है कि आप तनावग्रस्त हैं, तो आप कुछ क्रियाएं अपने जीवन में शामिल करके तनाव को काफी हद तक दूर कर सकते हैं l आइये जानते है:
शरीर के ऊपरी भाग से शुरू करें

- सीधे लेट जायें और आँखों को बैंड करके गहली सांस लीजिये l यदि आपने भौहों को सिकोड़ कर रखा है तो उन्हें सामान्य कर लीजिये साथ जबड़ो और दांतों को भी ढीला छोड़ `दीजिये l
- यदि गर्दन में भी अकडन महसूस होती है तो बैठकर गर्दन और कंधो को ढीला छोड़ दीजिये फिर कंधो को धीरे धीरे आगे की ओर गोल घुमाइए l
फिर, शरीर के मध्य भाग के लिए ये करें

- ये आपको महसूस होता आपके सीने में भारीपन है और हाथों में अकडन है तो पहले सीधे खड़े होकर हाथों को झटकिये और ढीला छोड़ दीजिये l
- पेट के सहारे साँस लीजिये और छोडिये l ध्यान रखिये कि सांस पेट के सहारे ही लेनी है सीने से नहीं l
फिर, पेट व पैरो के लिए ये करें

- पेट और पैर के पंजो को ढीला छोडिये l गहरी सांस लेते हुए पेट को फुलाये फिर धीरे धीरे साँस छोड़े l
- पंजो को एकदम ढीला छोड़े और आराम से जमीन पर जमाये और उन्हें आराम दें l
अव, शरीर के बाकी छोटे अंगो के लिए ये करें

- आप जब सांस ले तो ध्यान रखिये कि सांस लेते समय दिमाग पर जोर नहीं पड़ना चाहिए l ध्यान देते हुए आराम से सांस लेने से तनाव में आराम मिलता है l
- हाथ और पैरों की उंगलियों जितना हो सके उतना ढीला छोड़ के रखिये और उनमे खिंचाव न होने दें l
अंत में, ये करें

- लंबी सांस लीजिये और थोड़ी देर रोककर रखें, फिर धीरे धीरे सांस छोड़ें l
- ये प्रक्रिया लगभग 10 मिनट तक दोहरायें और रिलैक्स करें l आप महसूस करेंगे कि आपका तनाव काफी हद तक दूर हो गया है l
Leave a Reply